Wednesday, August 21, 2013

धमारा घाट

अन्धश्रद्धा की पटरी में
सरपट दौड़ रहे
हमारे अपने
आज फिर
पैतीस की संख्या में
समा गये
काल के गाल में,
जाने वाले चले गये
उनके लिये रोने वाले रो रहे हैं
और इस बीच
सिंकने लगीं हैं गर्म-गर्म रोटियाँ
राजनीति के तवे पर
मारना चाहता है केन्द्र बाजी
राज्य की प्रशासनिक कमजोरी दिखाकर
और राज्य वाले
भर रहे हैं हुँकार रेलवे हमारी नहीं
केंद्र की बपौती है ….
खैर, महाकाल! तुम तो आज फिर,
जरुर खुश हुए होगे पुनः
केदारघाटी की लीला के बाद ……
हाँ.… सच्ची जो है खबर
कि अभी-अभी
बिहार के खगड़िया जिले के
धमारा घाट रेलवे स्टेशन पर 
हुए रेल हादसे में पैतीस कावड़ियों की मौत 
सैकड़ों गंभीर!!! 

(२१ अगस्त २०१३ की दोपहर बिहार के खगड़िया जिले में हुये धमारा घाट रेल्वे हादसे में ३५ से अधिक लोंगों की मौत हुई थी|)